मुहब्बत में ज़माने का यही दस्तूर होता है
मुहब्बत में ज़माने का यही दस्तूर होता है जिसे चाहो नज़र से वो ही अक्सर दूर होता हैमुहब्बत में ज़माने का यही दस्तूर होता हैबुलंदी चाहता पाना हरिक इंसान है लेकिनमुकद्दर साथ दे जिसका वही मशहूर होता है । सभी के हाथ उठते हैं इबादत को यहाँ लेकिनख़ुदा को किसका जज़्बा देखिये मंजूर होता है।उलटते … Read more