मुहब्बत में ज़माने का यही दस्तूर होता है

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मुहब्बत में ज़माने का यही दस्तूर होता है जिसे चाहो नज़र से वो ही अक्सर दूर होता हैमुहब्बत में ज़माने का यही दस्तूर होता हैबुलंदी चाहता पाना हरिक इंसान है लेकिनमुकद्दर साथ दे जिसका वही मशहूर होता है । सभी के हाथ उठते हैं इबादत को यहाँ लेकिनख़ुदा को किसका जज़्बा देखिये  मंजूर होता है।उलटते … Read more

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माधव श्री कृष्ण पर कविता

माधव श्री कृष्ण पर कविता सबके दिल मे रहने वाला,माखन मिश्री खाने वाला।गाय चराते फिरते वन मे,सुंदर तान सुनाने वाला ।खेल दिखाते सुंदर केशव,सबके मन को भाने वाला।भाये ना केशव मुझको अब,   हर  दस्तूर जमाने वाला।ध्यान धरे है माधव सबकी,दुख सबके है हरने वाला।क्यों ऐसी बातें करता हैं ,हिंसा को भड़काने वाला।      जागृति मिश्रा … Read more

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