कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

श्याम चौपाई-पुष्पा शर्मा “कुसुम”

virah viyog bewafa sad women

श्याम चौपाई श्याम भक्ति मीरा मन भाई।दीन्हे सकल काज बिसराई ।।करहि भजन सेवा अरु पूजा।एक देव और नहीं दूजा।। नाचहि गावहि धरियहि  ध्याना ।प्रेम सहित गिरधर पति माना ।।सतत करहि सन्तन सन्माना।रचना कर गावहि पद नाना । राणा का जब…

सुप्रभात वंदन -नमन वंदन वीणावादनी

सरस्वती माता

सुप्रभात वंदन -नमन वंदन वीणावादनी नमन वंदन वीणावादनी,                 सुर नर मुनि जन पूजे ज्ञानी। वाणी में विराजती माता,                  माँ  शारदे  बड़ी  वरदानी।। राह सच जो चलता हमेशा,                  ज्ञान मातु नित नित वह पाया। मिले नित साहस लेखनी…

तू कदम बढाकर देख

help to each other

•तू कदम बढाकर देख• मंजिल बुला रही है तू कदम बढाकर  देख खुशियाँ गुनगुना रही है तू गीत गाकर देख काँटे ही नहीं पथ में,फूल भी तुम्हें मिलेंगेपतझड़ का गम ना करना, गुलशन भी तो खिलेंगे बहारें बुला रहीं है,…

मुसाफिर हैं हम जीवन पथ के

मुसाफिर हैं हम जीवन पथ के मुसाफिर हैं हम जीवन पथ केराहें सबकी अलग-अलगधूप-छांव पथ के साथी हैंमंज़िल की है सबको ललक। राही हैं संघर्ष शील सबदामन में प्यार हो चाहे कसकपीड़ा के शोलों में है कोईकोई पा जाता खुशियों…

स्वालंबन पर कविता

हाइकु

स्वालंबन पर कविता स्वालंबन है जीवन अवलंबनबिन स्वावलंब जीवन है बंधनस्वावलंबन ही है आत्मनिर्भरताबिन इसके जीवन दीप न जलता। स्वालंबन जग में पहचान कराताशिक्षा का सदुपयोग सिखातानिराशा में भी आशा भरताऊसर में भी प्रसून खिलाता। अपना दीपक स्वयं बनोस्वालंबन ही…