CLICK & SUPPORT

सर्दी मौसम पर कविता

सर्दी मौसम पर कविता

वो जाड़े की रात, ओस की बरसात,
वो दिन का कुहासा, पढ़ने की आशा,
बासंती पवन, मस्त होता है मन,
वो ताजी हवाएं ,ये महकी फिजायें
बहुत खूब भाता है सर्दी का मौसम ।।


सर्द जाड़े की आग, मालकौस की राग,
वो धान की कटनी , पुदीने की चटनी,
वो सरसों का साग, ठंड रातों का आग,
वो अरहर की दलिया मटर वाली फलियां,
बहुत खूब भाता है सर्दी का मौसम ।।


वो दीन का निकलना ,पता भी न चलना ,
वो पुस का महीना, गर्म दूध पीना,
कोयल का कुहकना, फूलों का महकना ,
वो मोटी पोशाक, जीने की आस,
बहुत खूब भाता है सर्दी का मौसम ।।


वो आग वाली लिटी, हाँ जानम की चिठ्ठी ,
वो प्रियतम की यादें, कसकती वो बातें,
वो चेहरा नुरानी ,हाँ लड़की दीवानी ,
ठंड में गर्म खाना, उनका मुस्कुराना,
बहुत खूब भाता है सर्दी का मौसम ।


कवि बाके बिहारी बरबीगहीया✒️

CLICK & SUPPORT

You might also like