राम/श्रीराम/श्रीरामचन्द्र, रामायण के अनुसार,रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र, सीता के पति व लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न के भ्राता थे। हनुमान उनके परम भक्त है। लंका के राजा रावण का वध उन्होंने ही किया था। उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया।
राम अयोध्या आते है /डॉ एन के सेठी
पूरा कर वनवास सिय संग,
राम अयोध्या आते है।
भ्राता लखन साथ में उनके
अनुपम शोभा पाते हैं।।
हुई अयोध्या भी सनाथ थी
रामसिया के आने से।
चारों भाई एक साथ थे
वन से फिरआ जाने से।।
थी धरती की शोभा वे सब
देख सभी हर्षाते थे।
लंका जीत अवध में आकर
राजा राम कहाते थे।।
वन में जाकर श्रीराम ने,
दानव मार गिराए थे।
नारी को सम्मान दिलाने
धनु भी हाथ उठाए थे।।
अतुलित बलशाली शूरवीर
उनकी शोभा न्यारी थी।
जन जन के मन मे बसी हुई
सूरत सबको प्यारी थी।।
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