भावी पीढ़ी का आगामी भविष्य

भावी पीढ़ी का आगामी भविष्य


हमें सोचना तो पड़ेगा।
परिवार की परंपरा
समाज की संस्कृति
मान्यताओं का दर्शन
व्यवहारिक कुशलता
आदर्शों की स्थापना।
निरुद्देश्य तो नहीं!
महती भूमिका है इनकी
सुन्दर,संतुलित और सफल
जीवन जीने में।


जो बढता निरंतर
प्रगति की ओर
देता स्वस्थ शरीर ,
सफल जीवन और सर्वहितकारी चिन्तन।
हम रूढियों के संवाहक न बने।
कुरीतियों की हामी भी क्यों भरें।


बचें छिछले ,गँदले गड्ढों के कीचड़ से।
अपनाये नवीन उन्नत्त विचार,
संग अद्यतन नूतन आविष्कार।
पर छोड़ें नहीं ,
हमारे पुरुखों के चरित्रों की
हीरक, मणिमुक्तामाल।
जिसके बलबूते पर बनी हुई
आज भी हमारी विशिष्ट पहचान।


फिर क्षेत्र कोई भी हो
सामाजिक, राजनैतिक या आर्थिक।
सभी स्थानों पर अपेक्षित है
हमारे व्यवहार की शालीनता।
हमारी मान्यताओं, आदर्शों की जीवन्तता।
मर्यादाओं की महानता
हमें सोचना तो पड़ेगा ।
भारत की भावी पीढी का
आगामी भविष्य।

पुष्पा शर्मा “कुसुम”

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *