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कविता
- गांँधीजी का ज्ञान
- बिटिया के मुखड़े पर धवल मुस्कान
- आज बेटी किसी की बहू
- माँ पर कविता हिंदी में
- विश्व पृथ्वी दिवस / देवेन्द्र चरन खरे आलोक
- महान जननायक / अकिल खान.
- श्रीरामनवमी पर कविता
- 13 अप्रैल जलियांवाला बाग नरसंहार दिवस पर हिंदी कविता
- बस कर भगवन / शिवराज सिंह चौहान
- विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर एक कविता
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हिंदी कविता
कविता’ साहित्य की वह विधा है जिसमें किसी मनोभाव को कलात्मक रूप से किसी भाषा के द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है। काव्य वह वाक्य रचना है जिससे चित्त किसी रस या मनोवेग से पूर्ण हो। अर्थात् वह जिसमें चुने हुए शब्दों के द्वारा कल्पना और मनोवेगों का प्रभाव डाला जाता है.
Kavita ‘is the genre of literature in which a sentiment is artistically expressed by a language. Poetry is the syntax that makes the mind complete with emotions. That is, in which imagination and emotions are effected by the chosen words.
पर्यावरण दिवस पर कविता /मंजूषा दुग्गल
पर्यावरण दिवस पर कविता/मंजूषा दुग्गलजलाकर पेड़-पौधे वीरान धरती को बना रहे हैंइतनी सुंदर सृष्टि…
पर्यावरण की रक्षा/कामरान
पर्यावरण की रक्षा/कामरानदूषित है पूरा संसारआया मन में है विचारप्लास्टिक का करें बहिष्कारदेखेगा अब पूरा…
दौलत पर कविता /डॉ0 रामबली मिश्र
दौलत पर कविता /रामबली मिश्रदौलत जिसके पास है, उसे चाहिए और।और और की चाह में,कभी न पाता ठौर ।।दौलत ऐसी…
वृक्ष लगाएं धरती बचाएं/ नीलम त्यागी ‘नील’
"वृक्ष लगाएं, धरती बचाएं" एक महत्वपूर्ण संदेश देती है कि हमें पर्यावरण की संरक्षण के लिए वृक्षारोपण का समर्थन करना…
प्रेरक कविता/ डॉ0 रामबली मिश्र
"बिना संघर्ष कुछ नहीं मिलता" हमें बताती है कि हमें अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रयास करना और संघर्ष करना…
पर्यावरण को नुकसान पर कविता /एस के कपूर श्री हंस
पर्यावरण को नुकसान पर कविता /एस के कपूर श्री हंस1नदी ताल में कम हो रहा जलहम पानी यूँ…
सरस्वती वंदना/डॉ0 रामबली मिश्र
सरस्वती वंदना/डॉ0 रामबली मिश्रदिव्य मधुर रस देनेवाली।कष्ट क्लेश को हरनेवाली।।चेतन सत्ता ज्ञानामृत हो।बनी…
ईश्वर की दी धरोहर हम जला रहे हैं/मनोज कुमार
ईश्वर की दी धरोहर हम जला रहे हैं/मनोज कुमारईश्वर की दी हुई धरोहर हम जला रहे हैंलगा के आग पर्यावरण दूषित…
विश्व प्रदूषित हो रहा /प्रेमचन्द साव “प्रेम”,बसना
विश्व प्रदूषित हो रहा / प्रेमचन्द साव "प्रेम",बसनाविश्व प्रदूषित हो रहा,फैल रहा है रोग।मानव सारे व्यस्त…
शिवरात्रि पर कविता /डॉ0 रामबली मिश्र
शिवरात्रि पर कविता /डॉ0 रामबली मिश्रShiv Godअद्वितीय शिव भोले काशी।अदा निराली प्रिय अविनाशी।।रहते सबके…