Category हिंदी कविता

सादा जीवन पर कविता -मनीभाई नवरत्न

सादा जीवन पर कविता –मनीभाई नवरत्न एक ओर रंगशालादूसरी ओर रंग सादा।कोई टक्कर नहीं जिनके बीचकौन सुरमा है ज्यादा?वैसे ख्याति विविध रंगों की हैहरा लाल पीला नीलाये ना होते तोकहने वाले राय मेंदुनिया बेरंग होती ।पर जरा सोचो तोरंगों की…

मन की व्यथा – आशीष कुमार

मन की व्यथा इस निर्मोही दुनिया मेंकूट-कूट कर भरा कपटकहाँ फरियाद लेकर जाऊँ मैंकिसके पास लिखाऊँ रपट जिसे भी देखो इस जहाँ मेंभगा देता है मुझे डपटशांति नहीं अब इस जीवन मेंकहाँ बुझाऊँ मन की लपट जो भी था मेरे…

संविधान का मान तिरंगा है

संविधान का मान तिरंगा है तीन रंग से बना हुआ ये संविधान का मान तिरंगा है। पूरे जग में सबसे न्यारा आन बान अरु शान तिरंगा है।। जाति पांति के भेद मिटाता ये हम सबकी करता रखवाली। तीन रंग इसके…

मन की व्यथा

मन की व्यथा इस निर्मोही दुनिया में कूट-कूट कर भरा कपट कहाँ फरियाद लेकर जाऊँ मैं किसके पास लिखाऊँ रपट जिसे भी देखो इस जहाँ में भगा देता है मुझे डपट शांति नहीं अब इस जीवन में कहाँ बुझाऊँ मन…

सेनानी बन जाएं हम

चलो गुलामी आज़ादी का, मिलकर खेल बनाएं हम। तुम व्यापारी अंग्रेज बनो, और सेनानी बन जाएं हम।। तुम हम पर कर लगाओ, तो तड़प तड़प जाएं हम। भूख प्यास बर्दाश्त ना हो, और सेनानी बन जाएं हम।। सत्ताधारी भ्रष्टाचारियों के,…

सुभाष चंद्र बोस जयंती – उपमेंद्र सक्सेना

सुभाष चंद्र बोस जयंती – उपमेंद्र सक्सेना थे सुभाष जी मन के सच्चे, सबने उनको इतना माना।नेता जी के रूप में उन्हें, सारी दुनिया ने पहचाना। सन् अट्ठारह सौ सतानवे, में तेईस जनवरी आयीतब चौबीस परगने के कौदिलिया ने पहचान…

गुरु की मार

5 अक्टूबर 1994 को यूनेस्को ने घोषणा की थी कि हमारे जीवन में शिक्षकों के योगदान का जश्न मनाने और सम्मान करने के लिए इस दिन को विश्व शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा। गुरु पूर्णिमा – महर्षि वेद…

आम जन की हालात पर कविता – विनोद सिल्ला

खप-खप मरता आमजन खप-खप मरता आमजन, मौज उड़ाते सेठ।शीतकाल में ठिठुरता, बहे पसीना जेठ।। खून-पसीना बह रहा, कर्मठ करता कार।परजीवी का ही चला, लाखों का व्यापार।। कमा-कमा कर रह गया, मजदूरों का हाथ।पूंजी ने फिर भी किया, सेठों का ही…

शिव जी पर कविता – हरीश बिष्ट

शिव जी पर कविता शिवशंकर के चरणों में सब, नित-नित शीश नवाते हैं |नीलकंठ भोलेबाबा की, प्रतिपल महिमा गाते हैं ||दूध-नीर अरु बेलपत्र सब, शिव के शीश चढाते हैं |महादेव,गणनाथ, स्वरमयी, सेवा भाव जगाते हैं ||भक्तों की भक्ती से खुश…

निर्धन पर अत्याचार – उपमेंद्र सक्सेना

आज यहाँ निर्धन का भोजन, छीन रहा धनवान हैहड़प रहा क्यों राशन उनका, यह कैसा इंसान है। हमने देखा नंगे भूखे, राशन कार्ड बिना रहते हैंहाय व्यवस्था की कमजोरी, जिसको बेचारे सहते हैंजिसने उनका मुँह खोला है, वह खुद उनका…