Category हिंदी कविता

संस्कारों की करते खेती

संस्कारों की करते खेती बीज रोप दे बंजर में कुछ,यूँ कोई होंश नहीं खोता।जन्म जात बातें जन सीखे,वस्त्र कुल्हाड़ी से कब धोता। संस्कृति अपनी गौरवशाली,संस्कारों की करते खेती।क्यों हम उनकी नकल उतारें,जिनकी संस्कृति अभी पिछेती।जब जब अपने फसल पकी थी,पश्चिम…

एक खनकता गीत मेरा

एक खनकता गीत मेरा पास बैठो और सुनो बसएक खनकता गीत मेरा।। जीवन समर बहुत है मुश्किल,बाधाओं की हाट लगी है।दुनिया रंग बिरंगी लेकिन,होती देखी नहीं सगी है।इसीलिए गाता अफसाने,रूठ गया क्यों मीत मेरा।एक खनकता गीत मेरा।। मैं तो सच्चे…

मुझको गीत सिखा देना

मुझको गीत सिखा देना कोयल जैसी बोली वाले,मुझको गीत सिखा देना। शब्द शब्द को कैसे ढूँढू,कैसे भाव सँजोने हैं।कैसे बोल अंतरा रखना,मुखड़े सभी सलोने हैं।शब्द मात्रिका भाव तान लय,आशय मीत सिखा देना।कोयल जैसी बोली वाले,मुझको गीत सिखा देना। मन के…

तब मैं भी चाहूँ प्यार करूँ

तब मैं भी चाहूँ प्यार करूँ मन में शुभ भाव उमड़ते हों,तब मैं भी चाहूँ,प्यार करूँ। जब रिमझिम वर्षा आती हों,ज्यों गीता ज्ञान सुनाती हो।खिड़की से तान मिलाती हो,मुझको मानो उकसाती हो।श्वेद संग वर्षा में गाऊं,मै,भी जब कुछ श्रम साध्य…

सुमन! अल्प मधुर तेरा जीवन

सुमन! अल्प मधुर तेरा जीवन सुमन! अल्प मधुर तेरा जीवन।याद रहेगा      इस जग      को,कण-कण घुलना सौरभ बन-बन। कितने अलियों ने अभिसिक्त किया,मधुर समीरण  सहलाया  दुलराया।देकर मिलता है           जग    में,मरकर   अमरता का ये अभिनन्दन। मुझको ये जग  विस्मृत  कर  देगा,मिट जाएगा                 …

भगत सिंह की याद में

भगत सिंह की याद में टपक टपक के आंसुओं का दरिया बन गयासितम गम का, समा भी गमगीन हो गया। खामोशी बिखरी ,मुर्दों पर ढकी कफ़न लिएपर कदम ना थके ना हिम्मत हारी वतन के लिए। बढ़ते चले ,इंकलाब कहते…

उसे रूह में समाया है

रूह में समाया है माना के उसके जिस्म को भी मैंने चाहा हैमगर उस से ज्यादा उसे रूह में समाया है l ये सावन उसको भुलाने नहीं देता मुझकोबारिश में उसकी यादों के लम्हे ले आया है l जब चाँद…

NATURE

प्रकृति से खिलवाड़ पर्यावरण असंतुलन- विभा श्रीवास्तव

प्रकृति से खिलवाड़ पर्यावरण असंतुलन किलकारियाँ, खिलखिलाहट, अठखेलियाँ हवा के संग ….हमे बहुत याद आता है।बादलो का गर्जना ,बिजलियों का कड़कना ,और इन्द्रधनुष के रंग….हमे भी डराता और हसाता है। तितलियों का उड़ना ,भौरो का गुनगुनाना ,ये सब …..तुम्हे भी…