Category अन्य काव्य शैली

साहस पर कहानी

साहस पर कहानी प्रीति अपने बच्चों के साथ एयरपोर्ट पर अपने पति को छोड़ने गई थी।प्रीति ने अपने पति से कहा-“संजय जल्दी आना।संजय-“हाँ प्रीति मीटिंग के बाद आ जाऊँगा,घूमने नहीं जा रहा हूँ।फ्लाईट आधे घण्टे बाद अमेरिका के लिए उड़ान…

हाइकु

हाइकु तृतीय शतक

हाइकु शतक १बुलकड़ियाँरिक्त गौशाला द्वारसूखा गोबर।२चैत्र प्रभातविधवा का शृंगारदूर्वा टोकरी।३फाग पूर्णिमाडंडे पर जौ बालीबालक दौड़ा।४होली दहनचूल्हे पे हंसती माँगेहूँ बालियाँ।५मदिरालयकुतिया को पकोड़ेनाली में वृद्ध।६औषधालयचारपाई पे वृद्धनीम निम्बोली।७कैर साँगरीबाजरी की रोटियाँहाथ खरोंच।८चंग का स्वरमातृ गोद बालिकाआँख में आंसू।९निम्बू का रसरंगे हाथ…

मेरा परिचय पर कविता-विनोद सिल्ला

मेरा परिचय पर कविता -विनोद सिल्ला चौबीस मई तारीख भई,उन्नीस सौ सत्ततर सन।सन्तरो देवी की कोख सेविनोद सिल्ला हुआ उत्पन्न।। माणक राम दादा का लाडला,उमेद सिंह सिल्ला का पूत।भाटोल जाटान में पैदा हुआ,क्रियाकलाप नाम अनुरूप।। सन् उन्नीस सौ बानवे में…

जीविनी युवा रचनाकार-आलोक कौशिक की

जीविनी युवा रचनाकार आलोक कौशिक एक युवा रचनाकार एवं पत्रकार हैं। इनका जन्म 20 जून 1989 को एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम पुण्यानंद ठाकुर एवं माता का नाम सुधा देवी है। मूलतः बिहार राज्य अन्तर्गत अररिया…

mahatma gandhi

गाँधीजी पर कविता – बाबू लाल शर्मा

गाँधीजी पर कविता भारत ने थी ली पहन, गुलामियत जंजीर।थी अंग्रेज़ी क्रूरता, मरे वतन के वीर।हाल हुए बेहाल जब, कुचले जन आक्रोश।देख दशा व्याकुल हुए, गाँधी वर मतिधीर। काले पानी की सजा, फाँसी हाँसी खेल।गोली गाली साथ ही , भर…

राधा और मीरा पर लेख

रक्षा बन्धन एक महत्वपूर्ण पर्व है। श्रावण पूर्णिमा के दिन बहनें अपने भाइयों को रक्षा सूत्र बांधती हैं। यह ‘रक्षासूत्र’ मात्र धागे का एक टुकड़ा नहीं होता है, बल्कि इसकी महिमा अपरम्पार होती है। कहा जाता है कि एक बार…

नमक पर व्यंग्य

नमक पर व्यंग्य होटल में खाने के मेज पर छोटे छोटे छिद्रों वाले डिब्बे पड़े ही रहते हैं।कार्टून बने डिब्बे में नमक मिर्च भरे होते हैं, दाल सब्जी में नमक कम हो तो मन मर्जी डाल लो।लेकिन सब्जी में नमक…

हाइकु

निर्मल नीर के हाइकु

निर्मल नीर के हाइकु नूतन वर्ष~चारों तरफ़ छायाहर्ष ही हर्ष काम न दूजा~सबसे पहले होगायों की पूजा है अन्नकूट~कोई न रहे भूखाजाये न छूट भाई की दूज~पवित्र है ये रिश्ताइसको पूज दिवाली आई~घर-घर में देखोखुशियाँ छाई निर्मल ‘नीर’ Post Views:…

हाइकु

माधुरी डड़सेना के हाइकु

माधुरी डड़सेना के हाइकु 1मौसमी ज्वर-फंदे में झूल रहेप्रेमी युगल 2जलतरंग-सर्प के मुख आतीटर्र ध्वनि 3तांडव नृत्य-घर में तैर रहेसारा सामान 4फटा बादल-घर मे दुबका हैमगरमच्छ 5व्यस्त सड़के-बैठे हैं सड़क मेंभैसों का झुंड 6उत्तराषाढा-अरबी में चमकेपानी की बूंदे 7 पहली…