उठो स्वदेश के लिए -वंशीधर शुक्ल

उठो स्वदेश के लिए -वंशीधर शुक्ल उठो स्वदेश के लिए, बने कराल काल तुम,उठो स्वदेश के लिए, बने विशाल ढाल तुम! उठो हिमाद्रि शृंग से, तुम्हें प्रजा पुकारती,उठो प्रशस्त पन्थ पर, बढ़ो सुबुद्ध भारती!जगो विराट देश के, तरुण तुम्हें निहारते,जगो अचल, मचल, विकल, करुण तुम्हें...

वैशाख शुक्ल अक्षय तृतीया पर कविता – विकाश बैनीवाल

वैशाख शुक्ल अक्षय तृतीया पर कविता जय किसान,जय जाट जमींदार,है आज आखातीज का त्यौहार। खेती-बड़ी सदैव फल्ले फुलेअन्न-धन्न का भण्डार भरे,राष्ट्र रीढ़ की हड्डी किसानपरमात्मा इसके दुःख हरे। ये धरती किसान की माँ हैऔर बादल किसान का बाप,इंद्र देव वर्षा करो,वर्षा करोकरता किसान नीत...

हिंदी संग्रह कविता-एकता अमर रहे

एकता अमर रहे कविता संग्रह देश है अधीर रे!अंग-अंग पीर रे!वक्त की पुकार पर,उठ जवान वीर रे!दिग्-दिगंत स्वर रहे!एकता अमर रहे!!एकता अमर रहे !! गृह-कलह से क्षीण आज देश का विकास है,कशमकश में शक्ति का सदैव दुरुपयोग है।हैं अनेक दृष्टिकोण, लिप्त स्वार्थ-साध...

जयी बनो – जयशंकर प्रसाद

कविता बहार में आप का सवागत है आज हम जयशंकर प्रसाद की एक कविता जाई बनो इसके बारे में यह पढेंगे ,आसा है यह कविता आप आत्यन्त पसंद आयेगी जयी बनो – जयशंकर प्रसाद हिमाद्रि तुंग शृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारतीस्वयं प्रभा समुज्वला स्वतंत्रता पुकारती। अमर्त्य वीर पुत्र हो...

प्रयाण गीत – गोपालप्रसाद व्यास

प्रयाण संगीत (march) एक प्रकार का संगीत है जो प्रायः सैनिक वाद्य (मिलिटरी बैण्ड) में प्रयुक्त होती है। कविता बहार प्रयाण-गीत गाए जा!- गोपालप्रसाद व्यास प्रयाण-गीत गाए जा ! स्वर में स्वर मिलाए जा।यह ज़िन्दगी का राग है, जवान जोश खाए जा!प्रयाण-गीत गाए जा!...

हर हर महादेव पर कविता

हर हर महादेव पर कविता – शंकर या महादेव सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से एक है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव भी कहते हैं। इन्हें भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है। तंत्र साधना में इन्हे भैरव के नाम...