मुस्कुराकर चल मुसाफिर / गोपालदास “नीरज”
मुस्कुराकर चल मुसाफिर / गोपालदास "नीरज" कविता संग्रह पंथ पर चलना तुझे तो मुस्कुराकर चल मुसाफिर! वह मुसाफिर क्या जिसे कुछ शूल ही पथ के थका दें?हौसला वह क्या जिसे…
गोपालदास नीरज (4 जनवरी 1925 – 19 जुलाई 2018), हिन्दी साहित्यकार, शिक्षक, एवं कवि सम्मेलनों के मंचों पर काव्य वाचक एवं फ़िल्मों के गीत लेखक थे। वे पहले व्यक्ति थे जिन्हें शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में भारत सरकार ने दो-दो बार सम्मानित किया, पहले पद्म श्री से, उसके बाद पद्म भूषण से। यही नहीं, फ़िल्मों में सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन के लिये उन्हें लगातार तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिला।
मुस्कुराकर चल मुसाफिर / गोपालदास "नीरज" कविता संग्रह पंथ पर चलना तुझे तो मुस्कुराकर चल मुसाफिर! वह मुसाफिर क्या जिसे कुछ शूल ही पथ के थका दें?हौसला वह क्या जिसे…
कविता संग्रह जीवन नहीं मरा करता है-गोपाल दास नीरज छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालोंकुछ सपनों के मर जाने से, जीवन नहीं मरा करता है। सपना क्या है,…
मैं पीड़ा का राजकुँवर हूँ / गोपालदास "नीरज" कविता संग्रह मैं पीड़ा का राजकुँवर हूँ तुम शहज़ादी रूप नगर कीहो भी गया प्यार हम में तो बोलो मिलन कहाँ पर…
हार न अपनी मानूँगा मैं ! / गोपालदास "नीरज" कविता संग्रह हार न अपनी मानूँगा मैं ! चाहे पथ में शूल बिछाओचाहे ज्वालामुखी बसाओ,किन्तु मुझे जब जाना ही है —तलवारों की…
खिलते हैं गुल यहाँ / गोपालदास "नीरज" कविता संग्रह खिलते हैं गुल यहाँ, खिलके बिखरने कोमिलते हैं दिल यहाँ, मिलके बिछड़ने कोखिलते हैं गुल यहाँ... कल रहे ना रहे, मौसम…
दिल आज शायर है / गोपालदास "नीरज" कविता संग्रह दिल आज शायर है, ग़म आज नग़मा हैशब ये ग़ज़ल है सनमगैरों के शेरों को ओ सुनने वालेहो इस तरफ़ भी…
लिखे जो खत तुझे / गोपालदास "नीरज" कविता संग्रह लिखे जो ख़त तुझेवो तेरी याद मेंहज़ारों रंग केनज़ारे बन गए सवेरा जब हुआतो फूल बन गएजो रात आई तोसितारे बन…
शोखियों में घोला जाए फूलों का शबाब / गोपालदास "नीरज" कविता संग्रह शोखियों में घोला जाये, फूलों का शबाबउसमें फिर मिलायी जाये, थोड़ी सी शराबहोगा यूँ नशा जो तैयारहाँ...होगा यूँ…
वो हम न थे वो तुम न थे / गोपालदास "नीरज" कविता संग्रह वो हम न थे, वो तुम न थे, वो रहगुज़र थी प्यार कीलुटी जहाँ पे बेवजह, पालकी…
आज की रात बड़ी शोख़ बड़ी नटखट है कविता संग्रह आज की रात बड़ी शोख़ बड़ी नटखट है आज तो तेरे बिना नींद नहीं आएगी आज तो तेरे ही आने…