देवियाँ( विश्व नर्स दिवस पर बाबूलाल शर्मा की कविता)-बाबू लाल शर्मा

इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेस (नर्स लोगन के अंतर्राष्ट्रीय समीति) एह दिवस के 1965 से हर साल मनावेले। जनवरी 1974, से एकरा के मनावे के दिन 12 मई के चुनल गइल जवन की फ्लोरेंस नाइटेंगल के जन्म दिवस हवे। फ्लोरेंस नाइटेंगल के आधुनिक नर्सिंग के संस्थापक मानल जाला।

nars

देवियाँ( विश्व नर्स दिवस पर बाबूलाल शर्मा की कविता)

मुक्तछंद- नई कविता
(विश्व नर्स दिवस-१२ मई)

देवियाँ
सुना है आदि शक्ति
परमेश्वरी, भगवती
दुर्गा..गौरी .सीता।

पढा है… राधा, मीरा
लक्ष्मीबाई, अहिल्या
पद्मिनी, इन्द्रा, गीता।

रजत पट पर देखी
हेमा, काजोल ,करीना,
श्री देवी, सुपुनीता।

देख रहें है, हम- तुम
वैश्विक महामारी में भाव
मानवीय, दैवीय सब रीता।

नहीं…. नहीं.. नहीं…!
लड़ रही है महामारी से
बचाने मानव को ‘मीता’।

हाँ वे बहिने –
*सिस्टर* अस्पताल में
उखड़ती साँसों को सहारा
देती नर्स- लगाती हैं टीका

सँभाल रही है उन्हे –
जिन्हे छोड़ चुके अपने
सोचकर कि-युग बीता

सच में देखनी है अप्सराएँ
देवियाँ या मातृशक्ति,भवानी
आदिशक्ति परिणीता।

चलें एक चक्कर लगालें
किसी अस्पताल का आज
नमन करने – ‘सच गीता’।


✍©
बाबू लाल शर्मा बोहरा विज्ञ
सिकन्दरा, दौसा, राजस्थान

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *