doha sangrah

गाँधी की जरूरत -पद्मा साहू “पर्वणी”

गाँधी की जरूरत -पद्मा साहू “पर्वणी”

पदमा साहू “पर्वणी” के दोहे
खैरागढ़ जिला राजनांदगांव छत्तीसगढ़

mahatma gandhi
mahatma ghandh

गाँधी की जरूरत -पद्मा साहू “पर्वणी”

“पुनः जरूरत देश को, गाँधी तेरी आज।”*

सत्य अहिंसा सादगी, ब्रम्हचर्य विश्वास।
आत्म शुद्धि व्यवहार है, गाँधी जीवन खास।।

गाँधी के सिद्धांत यह, परम धर्म हो धेय।
जीवन शाकाहार हो,ध्यान धरो अस्तेय।।

महा प्रणेता देश के, गाँधी हुए महान ।
आजादी के थे तुम्ही, सच्चे दया निधान।।

मार्ग अहिंसा की धरे, चले सत्य की राह।
देश समर्पित तन किए, नहीं प्राण परवाह।।

खादी तेरी शान है, लकुटी है तलवार।
चरखा प्रगति प्रतीक है, सर्वधर्म व्यवहार।।

गाँधी तुम तूफान थे, बाजों के थे बाज।
विद्रोही के काल थे, नीरवता आवाज।।

थरथर दुश्मन काँपते, भृकुटी तेरी देख।
तुम्ही अचल थे मेखला, अमिट काल की रेख।।

भारत को अब घुन लगे, शोषण कामी स्वार्थ।
गाँधी के इस देश में, नहीं कर्म परमार्थ।।

जंजीरे पाश्चात्य की, जकड़न लगी समाज।
पुनः जरूरत देश को, गाँधी तेरी आज।।

क्षमा शांति अरु प्रेम से, शत्रु हुए आधीन ।
सत्य अहिंसा धर्म से, देश किए स्वाधीन ।।

अखिल विश्व में शांति का, गाँधी तुम थे ढाल।
राष्ट्र पिता दर्जा मिला, जग में किए कमाल।।

रामराज्य की कल्पना, होने को साकार ।
पर इसमें अवरोध बहु, शत्रु बीच तकरार।।

नीति नियम में खोट अब, राजनीति में चाल।
गाँधी तेरे राष्ट्र में, पाँव पसारे काल।।

आना होगा अब तुम्हे, दोबारा इस देश।
लेकर ढाल कृपाण तुम, धरकर नूतन वेश।।

जीवन के अंतिम पहर, गाँधी करे प्रणाम।
गोली खाकर देह में, जाप करें श्री राम।।

हे नव पीढ़ी के युवा, सुन लो राष्ट्र पुकार।
गाँधी बनकर आज तुम, रामराज्य साकार ।।

चलने को हैं आँंधियाँ, दुश्मन रक्त प्रवाह ।
चलना होगा अब हमें, गाँधी धारण राह।।

देती सबको है दिशा, गाँधी उच्च विचार।
आँख उठाए शत्रु तो, उन पर करो प्रहार।।

तोड़ गुलामी जाल को, करो विदेशी त्याग।
जन-मन राष्ट्र सशक्त हो, जाग स्वदेशी जाग।।

गाँधी के इस राष्ट्र की, सभी बचाओ लाज ।
विनय करे यह “पर्वणी”, करो देशहित काज।।

पद्मा साहू “पर्वणी”
खैरागढ़ जिला राजनांदगांव छत्तीसगढ़

Comments

  1. Shruti

    Sundar👍🥰

  2. Padma sahu

    Thanks shruti

  3. दूजराम साहू

    जबरदस्त

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