हे दीन दयालु हे दीनानाथ
हे दीन दयालु, हे दीनानाथ !
दीन की रक्षा करलें मांगे वरदान।
हे कृपालु ,हे भोलेनाथ!
हे कृपालु , हे भोलेनाथ!
हीन की रक्षा कर ले मांगे वरदान ।
ऊंची चोटी पर तेरा वास है ।
हर तरफ शांति, उल्लास है।
छायी रहे ऐसे सदा, अमन से ये जहान।
मांगे वरदान। हे दीन दयालु….
बड़े भरोसे हैं तुझ पे प्रभु।
तू ही तन मन में तेरा ध्यान करूं।
तू ही विधि है तू ही विधान ।।
मांगे वरदान। हे दीन दयालु….
सेवक हैं तेरे, दें सेवा का मौका।
मन में उमंग , भर दें आशा का झोंका।
तेरे लिए तो प्रभु, ऊंच नीच सब समान।।
मांगे वरदान। हे दीन दयालु….
🖋मनीभाई नवरत्न