हिन्दी कुण्डलियाँ: ऊर्जा संरक्षण

हिन्दी कुण्डलियाँ: ऊर्जा संरक्षण

(1)
ऊर्जा सदा बचाइये,
सीमित यह भंडार।
धरती का वरदान है,
जग विकासआधार।

जग विकास आधार ,
समझ कर इसे खरचना।
बढ़े नहीं यह और ,
सोचकर सभी बरतना।

गीता सुन यह बात,
चले सब दिन कल-पुर्जा।
होगा संभव तभी,
रहे जब रक्षित ऊर्जा।।


(2)
सूरज ऊर्जा पुंज है,
इसका हो उपभोग।
ऊर्जा संरक्षण करें,
ले इसका सहयोग।।

ले इसका सहयोग,
चलायें सब कल पुर्जे।
बचें गैस पेट्रोल,
कोयले के कम खर्चे।

गीता कह तकनीक,
नये अपनाएँ यूँ कुछ।
रहें प्रदूषण मुक्त,
मशीनें ऊर्जा सूरज।

✍सुश्री गीता उपाध्याय, रायगढ़(छ.ग.)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *