हरियाली अमावस्या आज

हरियाली अमावस्या आज

हरियाली अमावस्या आज,
सुखद संयोग सोमवार।
प्रकृति प्रफुल्लित पलवित लगती,
चले मन्द सुगंध बयार।
मौसम अब मन मौंजी लगती,
वारिद आते जाते है।
धरा तप्त न हुई बारिश से,
हमको रोज चिढ़ाते है।
वर्षा हर दिन कम कम होती,
मानव को समझाती है।
नही करे खिलवाङ प्रकृति से,
बाते यह बतलाती है।
निरा मूड जन कब समझेगा,
बात समझ ना आती है।


मदन सिंह शेखावत ढोढसर

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