हाथ जोड़कर विनय करू माँ

हाथ जोड़कर विनय करू माँ

मंगल करनी भव दुख हरणी।
माता मम् भव   सागर तरणी।

हाथ जोड़कर विनय करू माँ।
अर्ज दास की भी सुन लो माॅ  ।

निस दिन ध्यान करू मै मैया।
तुम  हो  मेरी  नाव  खिवैया।

तुम बिन कौन सुने अब मैया।
मँझधारों    मे  फसती    नैया।

गहरा  सागर  नाव    पुरानी।
इसको  मैया   पार  लगानी।

मदन सिंह शेखावत

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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