गंगा की गरिमा रखे – मदन सिंह शेखावत

  • Post category:Uncategorized
  • Post author:
  • Post last modified:October 18, 2019
  • Reading time:2 mins read

गंगा की गरिमा रखे

गंगा की गरिमा रखे,
                  रखना इसका मान।
यही पावन पवित्र है,
                  विश्व  करे  सम्मान।

गंगा  है  भागीरथी, 
                  करती   है  उद्धार ।
मत इसको गन्दा करे,
                  भव से  लगाय पार।

मत डाले तू गन्दगी, 
                  गंगा की रख  शान।
भव से है यह तारती,
                  रख ले मन मे मान।

गंगा हरसी पाप को,
                 करले  अब  उद्धार।
गंगा के गुणगान कर,
                महिमा   अपरम्पार ।

गंगा अमृत समान है,
                जन जन मे  विश्वास।
पर्यावरण बिगाङ के,
                क्यो खोये यह आस।

गंगा जीवन दायनी,
              अन्न धन भरे भण्डार।
पीने को जल देय कर,
               जीवन   देय   उभार।।

मदन सिंह शेखावत ढोढसर 

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

Leave a Reply