लाजवाब जोड़ा कविता

लाजवाब जोड़ा कविता
-विनोद सिल्ला

रहता है
हमारी लॉबी में
चिड़ियों का जोड़ा
इनमें है अत्यधिक स्नेह
नहीं रहते पल भर
एक-दूसरे से दूर
नहीं है इनमें
सॉरी-धन्यवाद सी
औपचारिकताएं
ये बात-बात को
नहीं बनाते
नाक का सवाल
रखते हैं
एक-दूसरे का ख्याल
नहीं उतारते
बाल की खाल
दोनों में से
किसी के मुंह
कभी नहीं सुनी
ससुराल की शिकायत
मुझे लगा
यह जोड़ा
लाजवाब

दिवस आधारित कविता