महात्मा गांधी पर कविता – ज्योति अग्रवाला

प्रस्तुत कविता महात्मा गांधी :स्वतंत्रता और स्वच्छता के जन नायक को आधार में रखकर लिखी गई है

महात्मा गांधी :स्वतंत्रता और स्वच्छता के जन नायक

mahatma gandhi
mahatma ghandh

गांधी रूप में भारत को
संत मिले थे एक महान।
कविगुरु ठाकुर ने जिनको
दिया महात्मा का उपनाम।

चंपारण के किसानों पर
हो रहे थे जब अत्याचार ।
गांधी जी ने ‘बापू’ बन
दिलाया किसानों को अधिकार ।

देश वासियों को समझ संतान
करते थे छत्रछाया पिता समान ।
राष्ट्रपिता नाम से नवाजकर
बढ़ाया नेताजी ने बापू का मान।

तोलस्तोय व बुद्ध को पढ़कर
ऐसा हुआ था मन पर असर ।
स्वच्छता को अपनाया आजीवन
झूठ- हिंसा का मैल धोकर ।

गांधीजी ने आंदोलन चलाया
अहिंसा का मर्म समझाया ।
एक स्वतंत्र और स्वच्छ भारत का
जन जन में था आह्वान किया ।

होगा जब स्वस्थ जन जन
कहलायेगा तब देश महान ।
तन मन की स्वच्छता होती
स्वस्थ जीवन की पहचान ।

धन्य हुई धरती भारत की

महामानव को जन्म देकर।
धन्य हुए हम भारत वासी

विश्व में गौरवान्वित होकर।

जाति,धर्म की दीवार ढ़हा दे
मन में यह दृढ़ संकल्प लेकर ।

आपसी हिंसा, रंजिश,द्वेष,राग के
मैले विचारों से मन को धोकर।
आओ!दें श्रद्धांजलि बापू को

पदचिह्नो पर उनके चलकर।


ज्योति अग्रवाला

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *