महात्मा गाँधी पर दोहे

महात्मा गाँधी पर दोहे

mahatma gandhi

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सत्य धरम की राह पर,चलकर हुए महान।
भारत आज स्वतंत्र है,पा जिनका अवदान।।

परम अहिंसा धर्म का,बनकर नित ही भक्त।
राग द्वेष छल दंभ का ,बने नही आशक्त।।

जीवन में पहने सदा , खादी का परिधान।
मान स्वदेशी को दिया,रच दी परम विधान।।

जीवन भर करते रहे,अपनों पर उपकार।
परिस्थिति जो भी मिली,नहीं मनाया हार।।

जिनकी पावन सोच थी, स्वच्छ रहे परिवेश।
कोहिनूर सुरभित हुआ,राष्ट्रपिता से देश।।
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रचनाकार-डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभावना,बलौदाबाजार(छ.ग.)

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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