सेना दिवस पर हिंदी कविता

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भारतीय सैनिकों का दर्द हम कम से कम अपने दिल में उतार कर देश की सेना को सम्मान के नजरिए से देखें तो यह भी एक बड़ी देशभक्ति होगी। सीमा पर तैनात एक जवान का दर्द इस कविता में शामिल किया गया है। सैनिकों पर कविता सर पे कफ़न बाँधे, हाथ में बंदूक ताने।बढ़ते वीर … Read more

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भारत मां के सपूत

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भारत मां के सपूत                   (1)तिलक लगाकर चल, भाल सजाकर चल।माटी मेरे देश की, कफ़न लगाकर चल।देश में वीर योद्धा जन्मे, मच गई खलबल।भारत मां के सपूत है ,आगे चल आगे चल। (2)भगत ,चंद्रशेखर, सुखदेव थे क्रांतिकारी दल।अंग्रेजो के नाक में ,दम कर रखा था हरपल।देश आजादी पाने के लिए,बना लिए दलबल।भारत मां के सपूत है … Read more

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वृक्षारोपण पर दोहे

दोहा

वृक्षारोपण पर दोहे डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर” पर्यावरण सुधार पर , वृक्ष लगा दो चार।धरा बने जब सुंदरम,करना जय जयकार।। पावन मन से सब जुड़े,धरा बनाएं स्वच्छ।पर्यावरण सुधार कर, सुख पनपे प्रत्यक्ष।। हरियाली की छाँव हो,स्वच्छ पवन मृदु नीर।मृदा रहें पोषित सुलभ , नहीं रहें जग पीर।। हरियाली जो हो तभी , कृपा करें देवेन्द्र।पर्यावरण सुधार … Read more

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मजदूर पर कविता -डिजेंद्र कुर्रे कोहिनूर

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मजदूरों के नाम समर्पित यह दिन 1 मई है। मजदूर दिवस को लेबर डे, श्रमिक दिवस या मई डे के नाम से भी जाना जाता है। श्रमिकों के सम्मान के साथ ही मजदूरों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने के उद्देश्य से भी इस दिन को मनाते हैं, ताकि मजदूरों की स्थिति समाज में मजबूत हो … Read more

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सामाजिक क्रांति के मसीहा – कांशीराम

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प्रस्तुत हिंदी कविता सामाजिक क्रांति के मसीहा काशीराम कवि डिजेंद्र कुर्रे कोहिनूर द्वारा रचित है जहां पर कवि ने कांशीराम जी के जीवन परिचय को काव्य का रूप दिया हुआ है। सामाजिक क्रांति के मसीहा – कांशीराम गिरे पड़े पिछड़ों कुचलों को,अपने गले लगाए थे।मानवता का धर्म जगाने,जो इस जग में आए थे। सन उन्नीस … Read more

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हमर छेरछेरा तिहार पर कविता

छत्तीसगाढ़ी रचना

गीत – हमर छेरछेरा तिहार ============================= सुख के सुरुज अंजोर करे हे,हम सबझन के डेरा म। हाँसत कुलकत नाचत गावत,झूमत हन छेरछेरा म।। //1// आज जम्मो झन बड़े बिहनिया, ले छेरछेरा कुटत हे। कोनलईका अउ कोन सियनहा,कोनो भी नई छूटत हे। ये तिहार म सब मितान हे,इही हमर पहचान हावय। मनखे मन ल खुशी देवैईया,सोनहा … Read more

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एक मुस्कान

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एक मुस्कान मनुजता शूचिता शुभता,खुशियों की पहचान होती है। जहाँ बिटिया के मुखड़े पर,धवल मुस्कान होती है। इसी बिटिया से ही खुशियाँ,सतत उत्थान होती है। जहाँ बिटिया के मुखड़े,पर धवल मुस्कान होती है। सदन में हर्ष था उस दिन,सुता जिस दिन पधारी थी। दिया जिसने पिता का नाम,यह बिटिया दुलारी थी। महा लक्ष्मी यही बेटी,यही … Read more

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महिमा वीर नारायण के

छत्तीसगाढ़ी रचना

महिमा वीर नारायण के महिमा वीर नारायण के ये,जे भुइँया म भारी जी। सोनाखान हवय हमरो ,बलिदानी के चिन्हारी जी। जन-जन के हितवा बनके,जे बेटा बिताईन जी। धन के लोभी छलिया मन ल,निसदिन यही सताइन जी। माल खजाना लूट लूट के, निर्धन मन ल दान करे। भांज अपन तलवार ल मेंछा,म साहस के ताव भरे। … Read more

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बिटिया के मुखड़े पर धवल मुस्कान

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बिटिया के मुखड़े पर धवल मुस्कान मनुजता शूचिता शुभता,खुशियों की पहचान होती है।जहाँ बिटिया के मुखड़े पर,धवल मुस्कान होती है।इसी बिटिया से ही खुशियाँ,सतत उत्थान होती है।जहाँ बिटिया के मुखड़े,पर धवल मुस्कान होती है। सदन में हर्ष था उस दिन,सुता जिस दिन पधारी थी।दिया जिसने पिता का नाम,यह बिटिया दुलारी थी।महा लक्ष्मी यही बेटी,यही वात्सल्य … Read more

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