वृक्षारोपण पर दोहे
डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”
पर्यावरण सुधार पर , वृक्ष लगा दो चार।
धरा बने जब सुंदरम,करना जय जयकार।।
पावन मन से सब जुड़े,धरा बनाएं स्वच्छ।
पर्यावरण सुधार कर, सुख पनपे प्रत्यक्ष।।
हरियाली की छाँव हो,स्वच्छ पवन मृदु नीर।
मृदा रहें पोषित सुलभ , नहीं रहें जग पीर।।
हरियाली जो हो तभी , कृपा करें देवेन्द्र।
पर्यावरण सुधार हो,विनती करें डिजेन्द्र।।
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-डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”