by कविता बहार | Jul 31, 2024 | हिंदी कविता
पेड़ हमारे जीवन के अनमोल साथी और सच्चे मित्र होते हैं। ये हमें स्वच्छ वायु, छाया, और अनेक प्रकार के फल-फूल प्रदान करते हैं। इनका महत्व केवल हमारे दैनिक जीवन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ये हमारे पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।...
by कविता बहार | Jun 5, 2024 | विविध छंदबद्ध काव्य
पर्यावरण दिवस पर चौपाई बच्चे – बूढ़े सुन लो भाई,पेड़ों की मत करो कटाई।वृक्षों से मिलती है छाया,गर्मी में हो शीतल काया।सबने इनकी महिमा गाई,मिलते हैं फल-फूल दवाई।पेड़ों से ही वर्षा आती,सब के मन को यह हर्षाती।बात सभी को यह समझाना,एक-एक को पेड़ लगाना।मिलकर सारे पेड़...
by कविता बहार | Jun 5, 2024 | छत्तीसगढ़ी कविता
5 जून अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस छत्तीसगढ़ी गीत पेड़ हमर तो संगी साथी,पेड़ हमर आय जान।जीव जंतु सबो के आसरा,पेड़ आय ग भगवान।।डारा पाना अउ जड़ी सबो,आथे अबड़ दवाई।जीवन एखर बिन शून्य हे,होथे बड़ सुखदाई।देथे दाई असन मया जी,सुख के एहर खदान।पेड़ हमर…… जियत मरत के नाता...
by कविता बहार | Jun 5, 2024 | हिंदी कविता
पर्यावरण संकट जीवन है अनमोल, सुरक्षित कहां फिर उसका जीवन है,प्रक्रति के दुश्मन तो स्वयं मानव है,हर तरफ प्रदूषण से घिरी हमारी जान हैं,फिर भी हर वक्त बने हम कितने नादान है। मानव हो मानवता का कुछ तो धरम करो,जीवन के बिगड़ते रवैय्ये का कुछ तो करम करोचारो ओर...
by कविता बहार | Jun 5, 2023 | विविध छंदबद्ध काव्य
वृक्षारोपण पर दोहे डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर” पर्यावरण सुधार पर , वृक्ष लगा दो चार।धरा बने जब सुंदरम,करना जय जयकार।। पावन मन से सब जुड़े,धरा बनाएं स्वच्छ।पर्यावरण सुधार कर, सुख पनपे प्रत्यक्ष।। हरियाली की छाँव हो,स्वच्छ पवन मृदु नीर।मृदा रहें पोषित सुलभ ,...