5 जून अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस छत्तीसगढ़ी गीत

5 जून अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस छत्तीसगढ़ी गीत

प्रकृति


पेड़ हमर तो संगी साथी,
पेड़ हमर आय जान।
जीव जंतु सबो के आसरा,
पेड़ आय ग भगवान।।

डारा पाना अउ जड़ी सबो,
आथे अबड़ दवाई।
जीवन एखर बिन शून्य हे,
होथे बड़ सुखदाई।

देथे दाई असन मया जी,
सुख के एहर खदान।
पेड़ हमर……



जियत मरत के नाता रिस्ता,
जोरे हन हम भाई।
आठो बेरा ताकत हमरो,
चाहे हमर भलाई।

जिनगी के सुख हावय सबो,
करत मानव कल्यान।
पेड़ हमर……..

बरसा लावय सुख बगरावय,
सुख के लिखय कहानी।
नदिया नरवा औ चारो कोती,
अगला उछला पानी।

धरती  के  सिंगार  पेड़ हे,
जिइसे गहना समान।
पेड़ हमर……



घाम-छाँव दे मया मयारू,
देत हवा अउ पानी।
धान,गहूँ आनी बानी के,
खेती करत किसानी।

एखर से जीवन के किस्सा,
एखर किस्सा महान।
पेड़ हमर…….



खातू ,माटी ,पान पताई,
सर के बनथे जानव।
सुख-दुख के ए संगी साथी,
भाई अइसन मानव।

चले रोज घर के जी चूल्हा,
भाई संझा बिहान।
पेड़ हमर..

परमेश्वर अंचल

You might also like