किसान की दशा पर कविता
देख तोर किसान के हाल
का होगे भगवान !
कि मुड़ धर रोवए किसान,
ये का दुख दे भगवान !!
पर के जिनगी बड़ सवारें,
अपन नई थोरको फिकर जी !
बजर दुख उठाये तन म,
लोहा बरोबर जिगर जी !!
पंगपंगावत बेरा उठ जाथे ,
तभे होथे सोनहा बिहान !
कि मुड़ धर रोवए किसान !!
झुमत -गावत ओनहारी -सियारी ,
देखे मन म खुश रहे किसान !
सथरा नंगालीस पानी बईरी,
देके कईसे लेेेगे भगवान !!
ठेंगवा देखादेस दुलरवा बेटा ल,
होगे अब मरे बिहान !
कि मुड़ धर रोवए किसान !!
पानी बिना धान झुरागे ,
पनिहा अंकाल चना म आगे !
करजा बोड़ी म बोए चना ,
देखते देखत पानी म रखियागे !!
सपना उजड़गे दूजराम के ,
माढ़े रहिगे सबो गियान !
कि मुड़ धर रोवए किसान !!
दूजराम साहू
निवास- भरदाकला
तहसील- खैरागढ़
जिला -राजनांदगाँव (छ ग)
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