मुश्किल राहें प्यार की -आर्यन सिंह यादव

मुश्किल राहें प्यार की -आर्यन सिंह यादव

प्रेम

सोचता हूँ कि कहूँ ना कहूँ दास्तान ए मोहब्बत की कुछ बुरा मानेंगे तो कुछ साजिशें भी होगी ।

इश्क के इस सफर में कितनी कयामत है कुछ विरोध होगा तो कुछ सिफारिशें भी होंगी ।।

वक्त लजीज है कितनी अजीब है ये दुनिया
सहारा देती नही सितम करने लगती है
मेरे इश्क की मीनार समाज का भय पाकर बिखरने लगती है.

हालाँकि कुछ नया नही है इम्तिहान जिन्दगी मे
फिर भी ये जंग भयंकर है
इधर किरदार है आशिक का मगर विछुड़ने का डर है.

आज फिर सैलाब आ रहा है मोहब्बत के समुन्दर मे
कोई कश्ती ला रहा है कोई डुबाना चाहता है
किसी से मुलाकात तक नहीँ होती कोई गले लगाना चाहता है.

लाचार सा निशून्य मैं मंझधार मे अटक गया हूँ
ना जाने क्यों बेवजह इश्क की राह पर भटक
गया हूँ.

अब आंधिया थमेगी नहीं चाहें ववंडर क्यों ना मच जाए
आर्यन के इतिहास मे नया पृष्ठ ही क्यो ना रच जाए.

फिर कहूंगा तो बस हार मानूँगा नहीँ
हमसफर पाकर चैन लूंगा पर युद्घ ठानूगा नही.

कुदरत फितरत हकीकत क्या करेगी ये जानना बाकी है
मोहब्बत सच मे विचित्र होती है ये मानना बाकी है ।।

रचना-
आर्यन सिंह यादव
( लोकप्रिय लेखक एण्ड कलाकार )

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