शुभ दीपावली / स्वपन बोस,, बेगाना,,

शुभ दीपावली दीपावली की शुभ दिन आज आया है।जगमग, जगमग हर घर द्वार सजा है।दीपावली की शुभ दिन आया है।दूर हो दुःखों का अंधेरा सबने अपने आंगन में उम्मीद की दीपक जलाया है।सच्चा दीपावली उसी का है, जिसके हृदय में प्रेम समाया है।दीपावली का शुभ दिन आया है।चौदह वर्ष की‌ वनवास...

शुभ दीपावली / डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा

शुभ दीपावलीशुभ दीपावली आई है,मिलकर दीप जलाएँ।सजे द्वार हरदम चमके,घर आँगन महकाएँ।।अंतर्मन भरे रोशनी, छल, द्वेष, अहम मिट जाए। आत्मसात कर सद्गुणों का, तन-मन शुद्ध बनाएँ।। रघुवर जैसे चरित बने,हम शीलवान बन जाएँ।सदा निश्चल भाव भरे मन, श्री राम की महिमा गाएँ।। प्रीत बंध...
सुहागिनों का प्रेम और आस्था का त्यौहार /  डॉ एन के सेठी

सुहागिनों का प्रेम और आस्था का त्यौहार /  डॉ एन के सेठी

इस दोहों की श्रृंखला में करवा चौथ के त्यौहार का सुंदर चित्रण किया गया है, जिसमें सुहागिनें अपने पति की दीर्घायु और सुखमय जीवन की कामना के लिए व्रत रखती हैं। दिनभर की पूजा-अर्चना के बाद, वे चंद्रमा का दर्शन कर व्रत खोलती हैं और अपने पति के प्रति अमिट प्रेम और समर्पण को...
शरद पूर्णिमा / स्वपन बोस बेगाना

शरद पूर्णिमा / स्वपन बोस बेगाना

इस कविता में शरद पूर्णिमा की चांदनी रात को अद्वितीय सौंदर्य और गहरे भावनात्मक जुड़ाव से जोड़ा गया है। चंद्रमा की रोशनी प्रियसी के मिलन की प्रतीक्षा को दर्शाती है, जबकि मानव जीवन में भगवान से दूर होने की पीड़ा और अनिश्चितता की झलक दिखाई देती है। कविता में नायक शरद...