पदपादाकुलक/राधेश्यामी/मत्तसवैया छंद [सम मात्रिक]

पदपादाकुलक/राधेश्यामी/मत्तसवैया छंद [सम मात्रिक] विधान – पदपादाकुलक छंद के एक चरण में 16 मात्रा होती हैं , आदि में द्विकल (2 या 11) अनिवार्य होता है किन्तु त्रिकल (21 या 12 या 111) वर्जित होता है, पहले द्विकल के बाद…

राधिका छंद [सम मात्रिक] कैसे लिखें

राधिका छंद [सम मात्रिक] विधान – इसके प्रत्येक चरण में 22 मात्रा होती हैं, 13,9 पर यति होती है, यति से पहले और बाद में त्रिकल आता है, कुल चार चरण होते हैं , क्रमागत दो-दो चरण तुकांत होते हैं…

कुण्डल/उड़ियाना छंद [सम मात्रिक]

कुण्डल/उड़ियाना छंद [सम मात्रिक] विधान – इसके प्रत्येक चरण में 22 मात्रा होती हैं, 12,10 पर यति होती है , यति से पहले और बाद में त्रिकल आता है औए अंत में 22 आता है l यदि अंत में एक…

चौपाई आधारित छंद कौन कौन से है

चौपाई आधारित छंद :16 मात्रा के चौपाई छंद में कुछ मात्राएँ घटा-बढ़ाकर अनेक छंद बनते है l ऐसे चौपाई आधारित छंदों का चौपाई छंद से आतंरिक सम्बन्ध यहाँ पर दिया जा रहा है l इससे इन छंदों को समझने और…

कुण्डलिनी छंद [विषम मात्रिक ]कैसे लिखें

कुण्डलिनी छंद [विषम मात्रिक ] विधान – दोहा और अर्ध रोला को मिलाने से कुण्डलिनी छंद बनता है जबकि दोहा के चतुर्थ चरण से अर्ध रोला का प्रारंभ होता हो (पुनरावृत्ति) l इस छंद में यथारुचि प्रारंभिक शब्द या शब्दों…