माखनलाल चतुर्वेदी की १० सर्वश्रेष्ठ कवितायेँ

दीप से दीप जले / माखनलाल चतुर्वेदी सुलग-सुलग री जोत दीप से दीप मिलेंकर-कंकण बज उठे, भूमि पर प्राण फलें। लक्ष्मी खेतों फली अटल वीराने मेंलक्ष्मी बँट-बँट बढ़ती आने-जाने मेंलक्ष्मी का आगमन अँधेरी रातों मेंलक्ष्मी श्रम के साथ घात-प्रतिघातों मेंलक्ष्मी सर्जन हुआकमल के फूलों मेंलक्ष्मी-पूजन सजे नवीन दुकूलों में।। गिरि, वन, नद-सागर, भू-नर्तन तेरा नित्य … Read more

विश्व करुणा दिवस पर विशेष शायरी

एक बेटी की करूणा जो अपने जन्म पर अपराधी सा महसूस करती अपनी मां को धैर्य बंधाती है

हम सब की है पाठशाला

हमारी पाठशाला लोकेश कुमार भोई, सहायक शिक्षक, प्राथमिक शाला छिर्राबाहरा की पहली रचना है जिसे उन्होंने अपने स्कूल को समर्पित किया है.

बाल भिक्षुक -आशीष कुमार

प्रस्तुत हिंदी कविता का शीर्षक “बाल भिक्षुक” है जोकि आशीष कुमार मोहनिया, कैमुर, बिहार की रचना है. इसे वर्तमान समाज में दीन हीन अनाथ बच्चों की दयनीय स्थिति को ध्यान में रखकर लिखा गया है जिनका जीवन बसर आज भी मंदिर की सीढ़ियों पर या फिर हाट बाजार में भीख मांग कर होता है.