by कविता बहार | Aug 8, 2021 | हिंदी कविता
मुझको गीत सिखा देना कोयल जैसी बोली वाले,मुझको गीत सिखा देना।शब्द शब्द को कैसे ढूँढू,कैसे भाव सँजोने हैं।कैसे बोल अंतरा रखना,मुखड़े सभी सलोने हैं।शब्द मात्रिका भाव तान लय,आशय मीत सिखा देना।कोयल जैसी बोली वाले,मुझको गीत सिखा देना।मन के भाव मलीन रहे तब,किसे छंद में रस... by कविता बहार | Aug 8, 2021 | हिंदी कविता
तब मैं भी चाहूँ प्यार करूँ shadi मन में शुभ भाव उमड़ते हों,तब मैं भी चाहूँ,प्यार करूँ।जब रिमझिम वर्षा आती हों,ज्यों गीता ज्ञान सुनाती हो।खिड़की से तान मिलाती हो,मुझको मानो उकसाती हो।श्वेद संग वर्षा में गाऊं,मै,भी जब कुछ श्रम साध्य करूं।मात का उज्जवल भाल सजे,तब मैं भी... by कविता बहार | Aug 8, 2021 | हिंदी कविता
हरेली त्यौहार छत्तीसगाढ़ी रचना सावन की अमावस है वर्षा की बौछार,लो आ गई जीवन में खुशियाँ अपार।छ.ग.का प्रथम त्यौहार भरा है संस्कार,खुशियाँ लेकर आई, हरेली त्यौहार। पशु- हल औजारों की करें पुजा,है श्रद्धा मन में कोई नहीं है दूजा।लोग करते हैं सभी से सद्व्यवहार,खुशियाँ लेकर...
by कविता बहार | Aug 8, 2021 | हिंदी कविता
भारत छोड़ो आंदोलन के वीर देख अंग्रेजी हुकूमत की उग्र तानाशाही,बूढ़े भारत में फिर से जवानी लौट आई।क्रांतिकारी बुद्धिजीवियों का है यह पयाम,भारत छोड़ो आंदोलन के वीरों को सलाम। अंग्रेजों के अत्याचारों का था ऐसा मंजर,कर हुकूमत भोंकते थे भारतीयों पर खंजर।महात्मा गांधी के... by कविता बहार | Aug 6, 2021 | हिंदी कविता
सुमन! अल्प मधुर तेरा जीवन सुमन! अल्प मधुर तेरा जीवन।याद रहेगा इस जग को,कण-कण घुलना सौरभ बन-बन। कितने अलियों ने अभिसिक्त किया,मधुर समीरण सहलाया दुलराया।देकर मिलता...