तब मैं भी चाहूँ प्यार करूँ
तब मैं भी चाहूँ प्यार करूँ मन में शुभ भाव उमड़ते हों,तब मैं भी चाहूँ,प्यार करूँ। जब रिमझिम वर्षा आती हों,ज्यों गीता ज्ञान सुनाती हो।खिड़की से तान मिलाती हो,मुझको मानो उकसाती हो।श्वेद संग वर्षा में गाऊं,मै,भी जब कुछ श्रम साध्य करूं।मात का उज्जवल भाल सजे,तब मैं भी चाहूँ प्यार करूँ।। भाती है दिल आलिंगन सी,स्वर … Read more