पीयूष वर्ष छंद (वर्षा वर्णन) बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’

पीयूष वर्ष छंद (वर्षा वर्णन) बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’ छंद बिजलियों की गूंज, मेघों की घटा।हो रही बरसात, सावन की छटा।।ढोलकी हर ओर, रिमझिम की बजी।हो हरित ये भूमि, नव वधु सी सजी।। नृत्य दिखला मोर, मन को मोहते।जुगनुओं के झूंड, जगमग सोहते।।रख पपीहे आस, नभ को तक...
बढ़ती जनसंख्या – घटते संसाधन

बढ़ती जनसंख्या – घटते संसाधन

11 जुलाई 1987 को जब विश्व की जनसंख्या पाँच अरव हो गई तो जनसंख्या के इस विस्फोट की स्थिति से बचने के लिए इस खतरे से विश्व को आगाह करने एवं बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने हेतु 11 जुलाई 1987 को विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा की...
जनसंख्या वृद्धि की कहानी

जनसंख्या वृद्धि की कहानी

11 जुलाई 1987 को जब विश्व की जनसंख्या पाँच अरव हो गई तो जनसंख्या के इस विस्फोट की स्थिति से बचने के लिए इस खतरे से विश्व को आगाह करने एवं बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने हेतु 11 जुलाई 1987 को विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा की...
सरसी छंद विधान / बीत बसंत होलिका आई/ बाबू लाल शर्मा

सरसी छंद विधान / बीत बसंत होलिका आई/ बाबू लाल शर्मा

सरसी छंद का विधान निम्नलिखित है: प्रत्येक पंक्ति में १६ मात्राएँ होती हैं। पदांत में २१ गाल होते हैं, जिसमें चौपाई और दोहा शामिल हो सकते हैं। प्रत्येक चरण में दो पंक्तियाँ होती हैं। प्रत्येक चरण में एक पंक्ति में ११ मात्राएँ होती हैं। उदाहरण के रूप में: सरसी छंद विधान...

सार छंद विधान -ऋतु बसंत लाई पछुआई

सार छंद विधान -ऋतु बसंत लाई पछुआई छंद सार छंद विधान- (१६,१२ मात्राएँ), चरणांत मे गुरु गुरु, ( २२,२११,११२,या ११११)ऋतु बसंत लाई पछुआई,बीत रही शीतलता।पतझड़ आए कुहुके,कोयल,विरहा मानस जलता।नव कोंपल नवकली खिली है,भृंगों का आकर्षण।तितली मधु मक्खी रस चूषक,करते पुष्प...