जल से जीवन जगत चराचर
जल से जीवन जगत चराचर जल से जीवन जगत चराचर जल ही है जीवन और प्राण जल बिन अस्तित्व नहीं कोई हैं समक्ष हमारे कई प्रमाण l जीवन का कोई काज न ऐसा जल बिन हो जाए जो पूरा धरती…
जल से जीवन जगत चराचर जल से जीवन जगत चराचर जल ही है जीवन और प्राण जल बिन अस्तित्व नहीं कोई हैं समक्ष हमारे कई प्रमाण l जीवन का कोई काज न ऐसा जल बिन हो जाए जो पूरा धरती…
आओ हम सौगंध उठाएँ प्रेम, सौहार्द्र, भ्रातृत्व भाव कीधरा पर अखंड ज्योति जलाएँभेदभाव न हो जाति धर्म काआओ हम सौगंध उठाएँ lईश्वर, अल्लाह, राम, रहीम कीपूज्य धरा को स्वर्ग बनाएँएक पिता हम सबका मालिकएकता का संदेश फैलाएँ lऊँच, नीच,मज़हब,संप्रदाय काभेदभाव …
हमर गंवई गाँव 1 आबे आबे ग सहरिया बाबूहमर गंवई गाँवगड़े नही अब कांटा खोभातुंहर कुँवर पांवआबे आबे सहरिया बाबूहमर गंवई गाँव।। 2 गली गली के चिखला माटीवहु ह अब नंदागे।पक्की सड़क पक्का नालीहमरो गांव म छागे।लइका मन बर स्कूल…
बचपन पर कविता चिलचिलाती हुई धूप मेंनंगे पाँव दौड़ जाना,याद आता है वो बचपनयाद आता है बीता जमाना।माँ डांटती अब्बा फटकारतेकभी-कभी लकड़ी से मारतेभूल कर उस पिटाई कोजाकर बाग में आम चुराना।याद आता है वो बचपनयाद आता है बीता जमाना।या…
अचरज मा परगे कोठी तो बढ़हर के* छलकत ले भरगे।बइमानी के पेंड़ धरे पुरखा हा तरगे॥अंतस हा रोथे संशो मा रात दिन।गरीब के आँसू हा टप-टप ले* ढरगे॥सुख के सपुना अउ आस ओखर मन के।बिपत के आगी मा सब्बो* हा …