कालचक्र गतिशील निरन्तर होता नहीं विराम
कालचक्र गतिशील निरन्तर होता नहीं विराम कालचक्र गतिशील निरन्तर होता नहीं विराम,दुख के पर्वत,नदिया,नाले सुख का अल्प विराम।अब तक मुझको समझ न आया इस जगती का रागरास न आयी इसकी माया कैसे हो अनुराग !शिथिल हुआ है तन ये जर्जर …