चंदन के ग़ज़ल (chandan ke gazal)

यहाँ पर चंद्रभान पटेल चंदन के ग़ज़ल (Chandan Ke Gazal) के बारे में पढेंगे यदि आपको अच्छी लगी हो तो शेयर जरुर करें मैं दरिया के बीच कहीं डूबा पत्थर मैं दरिया के बीच कहीं डूबा पत्थर ,तू गहनों में…

रामनाथ की कुण्डलिया

रामनाथ की कुण्डलिया (1)  प्रातः  जागो भोर में ,                    लेके  हरि  का   नाम ।       मातृभूमि वंदन करो ,                    फिर पीछे सब काम ।।       फिर पीछे सब काम ,                   करो तुम दुनियादारी ।       अपनाओ    आहार ,                   शुद्ध ताजे  तरकारी ।।       कह…

जाऊँ कैसे घर मैं गुजरिया

जाऊँ कैसे घर मैं गुजरिया नटखट कान्हा ने रंग दी चुनरिया जाऊँ कैसे घर मैं गुजरियानीर भरन मैं चली पनघट को देख ना पाई उस नटखट कोडाली पे बैठा कदंब के ऊपरधम्म से कूदा मेरे पथ पर रोकी जो उसने मेरी डगरिया जाऊँ—-…

वृंदावन की होली पर कविता

वृंदावन की होली पर कविता पकड़ कलाई  रंग ड़ार दियो हाय भीगी मोरी चुनरिया ।श्याम रोके मोरी डगरिया ।ग्वाल सखाओं  की  लेकर  टोलीकान्हा आगये   खेलन होलीदेख कर मोहे निपट अकेलीकरने लगे कान्हा जोरा जोरीमैं शरमाऊँ ड़र ड़र जाऊँ न छोड़े…

मिल मस्त हो कर फाग में

मिल मस्त हो कर फाग में सब झूम लो रस राग में।मिल मस्त हो कर फाग में।।खुशियों भरा यह पर्व है।इसपे हमें अति गर्व है।।यह मास फागुन चाव का।ऋतुराज के मधु भाव का।।हर और दृश्य सुहावने।सब कूँज वृक्ष लुभावने ।।मन…