भावना तू कौन है ?

भावना तू कौन है ? क्रोध लोभ हास मेरात में प्रकाश मेंराग और द्वेष मेंप्रीत नेह क्लेश मेंदेखता हूँ मौन हैभावना तू कौन है? भय अभय चित्त मेंहार में व जीत मेंभूख और प्यास मेंदूर हो या पास मेंदेखता हूँ मौन हैभावना तू कौन है ? अश्रु जब पड़े ढुलककांपने लगे अधरतू बड़ी उदास सीमन … Read more

अपनापन पर कविता

अपनापन पर कविता अपनापन ये शब्द जहां काहोता सबसे अनमोलप्यार नेह से मिल जातासंग जब हों मीठे बोल। अपनापन यदि जीवन में होहर लम्हा रंगे बहारअपने ही गैर बन जाएं तोग़म का दरिया है संसार। अपनेपन की अभिलाषी थीमैं अपनों की भीड़ मेंसमझ न पाया मर्म मेरा कोईबह गई मैं इस पीर में। अपनों ने … Read more

मातृभूमि पर कविता

मातृभूमि पर कविता मातृभूमि के लिये नित्य ही,अभय हो जीवन दे  दूंगा ।तन ,मन , धन निस्वार्थ भाव,सर्वस्व समर्पित  कर   दूंगा। जिस  मातृभूमि में जन्म लिया है,जिसके  अंक  नित  खेल    हूँ।शिवा जी दधीचि की मिट्टी   कामत   भूलो मैं    चेला        हूँ। जहाँ  आदिकाल   से    वीरों    नेगिन- गिन  कर शीश     चढा़ये है।वीर शिवाजी,     महाराणा    ने,जीवन    दांव पर   … Read more

चक्रव्यूह में फंसी बेटी- कृष्ण सैनी

चक्रव्यूह में फंसी बेटी                       (1)बर्फीली सर्दी में नवजात बेटी को,जो छोड़ देते झाड़ियों में निराधार।वे बेटी को अभिशाप समझते,ऐसे पत्थर दिलों को धिक्कार।                    (2)जो कोख में ही कत्ल करके भ्रूण,मोटी कमाई का कर रहे व्यापार।निर्दयी माता-पिता फोड़े की तरह,गर्भपात करवाकर बन रहे खूंखार।                      (3)सृजन की देवी के प्रति मेरे स्नेहभाव,घर में खुशहाली सी छाई … Read more

अंतरतम पीड़ा जागी

अंतरतम पीड़ा जागी खोया स्वत्व दिवा ने अपनाअंतरतम पीड़ा जागीघूँघट हैं छुपाये तब तब हीधडकन में व्रीडा जागी । अधर कपोल अबीर भरे सेसस्मित हास् लुटाती सीसतरंगी सी चुनर ओढ़ेद्वन्द विरोध मिटाती सीथाम हाथ  साजन के कर मेंसकुचाती अलबेली सीसिहर ठिठक जब पॉव बढ़ातो ठाड़ी रही नवेली सी आई मन मे छायी तन मेंसकुच ठिठक … Read more