by कविता बहार | Jan 19, 2019 | हिंदी कविता
तुम फूल नहीं बन सकती कलतुम गुल थी,गुलाब थी,एक हसीन ख्व़ाब थी।हर कोईदेखना चाहता था तुम्हें !हर कोई….छूना चाहता था तुम्हें !!कल तकपुरुष ने तुम्हेंकेवल कुचोंऔर नितम्बों केआकार में देखा..तुमकेवल वस्तु मात्र थी,उसकेउत्तुंग-विलास मेंछलछलातीमधु-पात्र थी ।तुम शाश्वत थीकिंतुउस... by कविता बहार | Jan 19, 2019 | हिंदी कविता
सुंदर सा मेरा गाँव यही सुंदर सा मेरा गाँवपले हम पाकर सबका प्यार।यहाँ बनता नहीं धर्म तनावयहीं अपना सुखमय संसार।बजे जब यहाँ सुबह के चारकरें जब नृत्य विपिन में मोर। दिशा पूरब सिंदूर उभारनिशा की गोद तजे जब भोर।कृषक उठकर बैलों को खोललिए अब चलें जहाँ गोआर।सुनो तब... by कविता बहार | Jan 19, 2019 | हिंदी कविता
कौन हो तुम? शब्दों के चित्र,कोरे कागज़ पर,स्याही उड़ेलकर,कलम को कूची बनाकर,कविता की सूरत,बला की खूबसूरत!कैनवास पर,भावों का समर्पण करउकेर देते हो!कौन हो तुम?कवि या कोई चित्रकार?छेनी-हथोड़े की तरह,औजार बनाकर,तराशी उंगलियों से,गढ़ते हो..पत्थर की मूरत,बला की... by कविता बहार | Jan 19, 2019 | हिंदी कविता
सर्दी मौसम पर कविता वो जाड़े की रात, ओस की बरसात,वो दिन का कुहासा, पढ़ने की आशा,बासंती पवन, मस्त होता है मन,वो ताजी हवाएं ,ये महकी फिजायेंबहुत खूब भाता है सर्दी का मौसम ।। सर्द जाड़े की आग, मालकौस की राग,वो धान की कटनी , पुदीने की चटनी,वो सरसों का साग, ठंड रातों का... by कविता बहार | Jan 19, 2019 | छत्तीसगढ़ी कविता, हिंदी कविता
छत्तीसगढ़ी संस्कृति 1 नवम्बर छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस 1 November Chhattisgarh State Foundation Day दक्षिण कोशल के बीहड़ वन मेंसाल, सागौन की है भरमारसतपुड़ा पठार शोभित उत्तर मेंमध्य है महानदी बस्तर पठारदेखो छत्तीसगढ़ की छटा मनोहरचलो करें हम वन विहार ।।...