दौलत की भूख
दौलत की भूख आया कैसा नया ज़मानादौलत आज सभी को पानायह एक ऐसी भूख हैरिश्तों की बेल जाती सूखकिसी की परवाह न करे इंसान झूठ बोलने में माहिर हुआकुत्सित काम है बात आमलालच ने यूं अंधा कियाभ्रष्टाचार अंदर तक पनपासारे नाते रिश्ते तोड़े बिना डरे क्षुधा फिर भी नहीं मिटती है।पैसा मात्र इक गिनती हैजोड़े … Read more