महत्व को समझाना l
मनुष्य के अनमोल,
जीवन को बचाना ll
रोजगार के अवसरों की, कम होती संख्या l
तीव्रता से बढ़ रही है, बेरोजगारों की संख्या ll
आज युवा बन रहे हैं, नशीले पदार्थों के ग्राही l
बिन पैसे कैसे होगी, युवाओं की सुनहरी राही ll
पैसों की बचत के, म
हत्व को समझाना l
मनुष्य के अनमोल,
जीवन को बचाना ll
आधुनिकता के चकाचौंध में, बढ़ गई महंगाई l
बिन पैसों के कैसे बजाएँ, बिटिया की शहनाई ll
तुलनात्मक के दौर में, पैसों पर नियंत्रण करना l
प्रतिस्पर्धा की भावना को, त्याग करना सिखाना ll
पैसों की बचत के,
महत्व को समझाना l
मनुष्य के अनमोल,
जीवन को बचाना ll
ब्याज की छाया में, कहीं भूल न जाएं मूलधन l
निन्यानवे के फेरों में, हम कहां ढूंढेंगे मिश्रधन ll
वर्तमान में पैसों की, बचत बन गई चुनौती l
नियंत्रण के अभाव में, लग न जाए पनौती ll
पैसों की बचत के,
महत्व को समझाना l
मनुष्य के अनमोल,
जीवन को बचाना ll
✍?
कुमार जितेन्द्र
(कवि, लेखक, विश्लेषक, वरिष्ठ अध्यापक – गणित)
साईं निवास मोकलसर, तहसील – सिवाना,
जिला – बाड़मेर, राजस्थान l
मोबाइल न. 9784853785