क्रिकेट पर कविता| POEM ON CRICKET IN HINDI

हमारे देश में घर-घर में क्रिकेट मैच देखा जाता है क्रिकेट मैच के दौरान टीवी देखते वक्त घर का माहौल खास हो जाता है। पति पत्नि का नोक झोंक और क्रिकेट का वर्णन करती हुई मनीभाई का यह कविता जरूर पढ़िए।

क्रिकेट पर कविता| POEM ON CRICKET IN HINDI

क्रिकेट का खेल है, रोमांच से भरपूर।
दिल धड़कने को , हो जाता है मजबूर ।।

चीखें निकलती जब खिलाडी होता आउट।
और मन में छा जाता , बेचैनी का क्लाउड।

छक्के लगे ताली बजी, आंखे तरेरे बीवी।
रिमोट छीनकर बोले, मैं अब देखूंगी टीवी।।

बोलती सदा, इस क्रिकेट ने किया नुकसान।
लगता है इस देश के लिए , ये धर्म से महान।

मैं कहूं कुछ काम नहीं, टीवी देखने के सिवा।
एक ही झटके में वो हो जाती मुझसे खफा।।

उसी मौके एक खिलाड़ी ने फिर मारा छक्का।
एक बार फिर उसको लगा जोरों का धक्का।।

खेल के रोमांच देख पूछ लिया कहां का मैच।
उसी समय विरोधी खिलाड़ी ने लपका कैच।।

मैं और क्या करता, मेरे रंग में भंग पड़ गया।
क्रिकेट देखते देखते , कब उससे लड़ गया ?

भारत पाक के मैच जैसे, अब है गहमागहमी।
लाइट के चले जाने से, बढ़ गई और गरमी ?

लाइट के आने से, फिर मन में उल्लास छाया।
बीवी का गुस्साया चेहरा भी, मुझे अति भाया।

रिमोट दे बीवी को, बैठ गया मैं उससे सटकर।
उसने भी क्रिकेट देखी, रिमोट पकड़े कसकर।।

परिवार संग क्रिकेट देखने का अलग ही मजा है ।
जीते तो घर में पार्टी, और हारे तो लगता सजा है।

मनीभाई नवरत्न

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