खरबूज बाल कविता

हरे रंग खरबूज के,होते हैं ये गोल
काले-काले बीज भी,लगते हैं अनमोल।।

करते हैं ये फायदे,पानी भी भरपूर।
खाते सब खरबूज को,पूँजीपति मजदूर।।

मीठे फल खरबूज के,उपज नदी मैदान।
लाल-लाल होते गुदे,खाने में आसान।।

नदियों के तट पर लगे,जहाँ बिछी हों रेत।
खेती हों खरबूज की,रेत बने सुंदर खेत।।

खाते जब खरबूज को,मिलता बढ़िया स्वाद।
भर जाता है पेट भी,करते हैं फल याद।।


राजकिशोर धिरही
तिलई,जाँजगीर छत्तीसगढ़

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *