प्रकृति विषय पर दोहे

प्रकृति विषय पर दोहे


सूरज की लाली करें,इस जग का आलोक।
तन मन में ऊर्जा भरे,हरे हृदय का शोक।।

ओस मोतियन बूँद ने,छटा बनाकर धन्य।
तृण-तृण में शोभित हुई,जैसे द्रव्य अनन्य।।

डाल-डाल में तेज है, पात-पात में ओज।
शुद्ध पवन पाता जगत,हरियाली में रोज।।

उड़कर धुंध प्रभात में,भू पर शीत बिखेर।
पुण्य मनोरम दृश्य से,लिया जगत को घेर।।

झूम रहे तरुवर लता,सुरभित कर संसार।
कोहिनूर तरु रोपकर,कर भू का श्रृंगार।।


रचनाकार – डिजेन्द्र कुर्रे”कोहिनूर”

No comments yet

  1. आप सभी का आशीर्वाद जरूर मिलना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *