परिवार या मकान- सीमा गुप्ता (लेखिका)

संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने 1994 को अंतर्राष्ट्रीय परिवार वर्ष घोषित किया था। समूचे संसार में लोगों के बीच परिवार की अहमियत बताने के लिए हर साल 15 मई को अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस मनाया जाने लगा है। 1995 से यह सिलसिला जारी है। परिवार की महत्ता समझाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

परिवार
१५-मई-विश्व-परिवार-दिवस-पर-लेख-15-May-World-Family-Day

परिवार या मकान- सीमा गुप्ता (लेखिका)


इंसान थका हारा काम कर लौटता है,
सारे सुख, खुशी,प्यार, हंसी मिलती है,
उसी को परिवार बोला जाता है।,
जहां नहीं मिले ये सब सुकून वो घर..
पत्थर,ईंट का ही मकान बन रह जाता है,

परिवार में खुशी की शहनाई गूंजती है,
प्रेम,प्यार ठुमक- ठुमक डोलता है,
सुख-दुख आपस में बांटा जाता है।

बिखरे जहां साथ- संवाद की रोशनी,
चमके समझ, सहिष्णुता का आलोक,
पोषित हो अनुभव परम्पराओं की ज्योति,
परिवार है जहां इन की अनुभूति होती।

मकान में अलगाव पाया जाता है,
रह करभी वहां नहीं रहा जाता है,
मन मसोस कर जीवन गुजारा जाता है,
पता नहीं कि एक दूसरे से क्या नाता है?

घर को मकान नहीं परिवार बनाएं,
खुशहाली सुख समृद्धि खान बनाएं।


– सीमा गुप्ता (लेखिका)
महल चौक (अलवर)

No comments yet

  1. घर को मकान नहीं परिवार बनाएं,
    खुशहाली सुख समृद्धि की खान बनाएं,
    बहुत सुंदर, विश्व परिवार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *