प्रस्तुत कविता शिव स्तुति भगवान शिव पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।
शिव स्तुति – केंवरा यदु मीरा
चौपाई छंद
जय जय जय भोले त्रिपुरारी ।
तुमहो भक्तों के दुख हारी।।
माथे चंदा सिर पर गंगा ।
गल पे सोहे हार भुजंगा।।
सँग में सोहे गौरी माता ।
तुमहो सबके भाग्य धाता।।
कहलाते भोले भंडारी ।
तुमहो प्रभु त्रिपदा भय हारी।।
भूत प्रेत के तुम हो स्वामी।
जगत नियंता अंतर्यामी ।।
करते हो तुम बैल सवारी।
तीन नेत्र की महिमा भारी।।
डमरू धर तुम हो कैलाशी।
निरंकार हो तुम अविनाशी।।
महादेव कालों के काला।
मीरा के प्रभु तुम रखवाला ।।
केवरा यदु “मीरा “
राजिम
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