समय पर कविता

समय पर कविता

समय के पास
समय नहीं है
कि थोड़ी देर रुके
तुम्हारे लिए

अच्छा होगा
कि तुम भी न रूको
चलते रहो
समय के साथ

रुकने वालों का
कोई संवाद नहीं होता
कोई कहानी नहीं होती
कोई इतिहास नहीं होता

चलते रहने वालों
तुम चलते ही रहो
तुम्हारे बारे में
एक दिन
समय सबको बताएगा

— नरेन्द्र कुमार कुलमित्र
9755852479

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