गरीबी उन्मूलन दिवस पर कविता (17 अक्टूबर)
गरीबी उन्मूलन दिवस पर कविता गरीबी से संग्राम आचार्य मायाराम ‘पतंग’ चलो साथियों! हम सेवा के काम करें। आज गरीबी से जमकर संग्राम करें। यह न समझना हमें गरीबी थोड़ी दूर हटानी है। अपने आँगन से बुहारकर नहीं पराए लानी है। एक शहर से नहीं उठाकर दूजे गाँव बसानी है। करें इरादा भारतभर से इसकी … Read more