शबरी पर कविता
शबरी की भक्ति kavita bahar शबरी पर हुई गुरु कृपा,दीन्हो कुटी निवास।दर्शन होंगे राम के,राखो दृढ़ विश्वास।। शबरी पंथ बुहारती,इत उत देखे धाय।आयेगी कब शुभ घड़ी,राम मिलेंगे आय।। आवत देखे…
शबरी की भक्ति kavita bahar शबरी पर हुई गुरु कृपा,दीन्हो कुटी निवास।दर्शन होंगे राम के,राखो दृढ़ विश्वास।। शबरी पंथ बुहारती,इत उत देखे धाय।आयेगी कब शुभ घड़ी,राम मिलेंगे आय।। आवत देखे…
कविता के माध्यम से हमारे प्यारे देश वासियों को 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के बारे में बताया गया है।
बरवै छंद, चार चरण मात्रिक अर्धसम छंद विषम चरण12 मात्रा सम चरण ,7 मात्रा।
शिक्षा रोजगार पर कविता शिक्षा की महिमा अति भारी।जन मन में करती उजियारी।ज्ञान प्रकाश हृदय भर देती।मन के सकल तमस हर लेती।।1।। विविध विषय के बनकर ज्ञाता।बनकर अपने भाग्य विधाता।।युवा…