जलती धरती /रितु झा वत्स

Hindi Poem Collection on Kavita Bahar

“जलती धरती” नामक कविता, जिसे रितु झा वत्स द्वारा रचा गया है, एक व्यक्तिगत अनुभव को अभिव्यक्ति देती है। इस कविता में, रचनाकार ने जलती धरती के माध्यम से मानव जीवन के अनेक पहलुओं को व्यक्त किया है। धरती की गर्मी, उसकी आत्मा को दहला देती है, जो हमें अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक करती … Read more

जलती धरती/ आशा बैजल

पर्यावरण की रक्षा

आशा बैजल की जलती धरती नामक हिंदी कविता में विभिन्न भावनाओं और संवेदनाओं को समाहित है। “जलती धरती” एक कविता है जो धरती की संताप और विपदाओं को बयान करती है। “जलती धरती” में, कविताकार धरती के विभिन्न प्राकृतिक विपदाओं की चर्चा करते हैं, जैसे कि वन जलन, भूकंप, बाढ़, और वायु प्रदूषण। यह कविता … Read more

जलती धरती/नीरज अग्रवाल

JALATI DHARATI

जलती धरती/नीरज अग्रवाल पर्यावरण और वन उपवन हैं।जल थल जंगल हमारे जीवन हैं।जलती धरती बढ़ता तापमान हैं।मानव जीवन में आज  संकट  हैं।हम सभी को सहयोग जो करना हैं।जलती धरती तपता सूरज कहता हैं।वसुंधरा को हरा भरा हमको करना हैं।मानव जीवन में कुदरत के रंग भरने हैंं।आज  हम सभी को प्राकृतिक बनना हैं।न सोचो कल का … Read more

जलती धरती/नीरज अग्रवाल

JALATI DHARATI

जलती धरती/नीरज अग्रवाल सच तो यही जिंदगी कुदरत हैं।जलती धरती आकाश गगन हैं।हम सभी की सोच समझ हैं।हां जलती धरती  सूरज संग हैं।खेल हमारे मन भावों में रहते हैं।जलती धरतीं मानव जीवन हैं।हमारे मन भावों में प्रकृति बसी हैं।सच और सोच हमारी अपनी हैं।हम सभी जलती धरती के संग हैं।आज कल बरसों से हम जीते … Read more

वृक्ष लगाएं धरती बचाये/नीलम त्यागी ‘नील’

पर्यावरण दिवस पर कविता

वृक्ष लगाएं धरती बचाये/नीलम त्यागी ‘नील’ आओ मिलकर पेड़ लगाएं…इस धरा को वसुंधरा बनाये…एक वन हम ऐसा सजाये…जिससे सारे रोग कट जाएं… प्रदूषण को ऐसी मार लगाएं…आओ एक वृक्ष सभी लगाएं…एक एक करके सभी उपवन बनाये…मानव से ज्यादा हम वृक्ष लगाएं… इस धरा को हम सभी बचाये…जल और पेड़ का महत्त्व बताएं..जीवन अपना उपयोगी बनाएं..महानता … Read more