शिवरात्रि पर कविता

शिव पर कविता शिवरात्रि पर कविता शिव को ध्याने के लिए लो आ गई रात्रि।मौका मिला है शिव की करने को चाकरी। शिव को मनाने के लिए बस श्रद्धा चाहिए।शिव को पाना जो चाहो तो नजरिया चाहिए।हो मुक्कमल सफ़र अपना और जाए यात्री। हम जन्म मरण से मुक्त हों और पाएं मोक्ष को।मंजिल कठिन हो...

शिव महिमा कविता

शिव पर कविता शिव महिमा कविता शिव शिवा शिव शिवा शिव शिवा ।शिव शव हैं……शिवा के सिवा। शिव अपूर्ण हैं शक्ति के बिनाशक्ति कब पूर्ण हैं शिव के बिनाअनुराग का सत इनका है वफ़ा। लोचन मोचन वि..मोचन सबल तुम होकांति चमक दामिनी सकल तुम होकायनात का कण तूने है रचा।...